फिर भी है बेटे की अभिलाषा, स्त्री अबॉर्शन पे हैं मजबूर। फिर भी है बेटे की अभिलाषा, स्त्री अबॉर्शन पे हैं मजबूर।
अपनापन क्या मुझे बिना पहचान के मिला या...पहचान बना कर ? अपनापन क्या मुझे बिना पहचान के मिला या...पहचान बना कर ?
बने जिस देश की नारी गुणकारी, मैं ऐसी खुद्दारी लिखती हूँ। बने जिस देश की नारी गुणकारी, मैं ऐसी खुद्दारी लिखती हूँ।
उन्हें गुलाम में रखने के लिए धर्म की परिधान से सजाई आचार- व्यवहार की सिकंजे से उन्हें गुलाम में रखने के लिए धर्म की परिधान से सजाई आचार- व्यवहार की सिकंज...
पराए घर जाती है परायों को पढ़ा अपनत्व का पाठ सहर्ष सभी को अपनाती है यही मेरा परिवार अब सगर्व... पराए घर जाती है परायों को पढ़ा अपनत्व का पाठ सहर्ष सभी को अपनाती है यही ...
नारी हूँ में,हाँ नारी हूँ में मुझे देवी न बनाओ ,मुझे इन्सान ही रहना मुझे मेरी तरह ही रहने दो नारी हूँ में,हाँ नारी हूँ में मुझे देवी न बनाओ ,मुझे इन्सान ही रहना मुझे मेरी त...